मंगलवार, 21 मार्च 2017

कविता..

ये जीवन एक कविता है..

दोहों और सवैयों में,छंदों और चौपाइयों में,
गीतों और गवैयों में,बोली और बलाइयों में,
जीवन एक कविता है..

सोज में डूबे गीतों की, प्रीत की उलझी रीतों की,
लूट सके जो नींदों को,उन मोह के बंदी मीतों की,
जीवन एक कविता है..

भावों की और उमंगों की,शोलों और पतंगों की, 

मस्तों और मलंगों की,उर की पीर तरंगों की,

जीवन एक कविता है..

अक्षिणी भटनागर

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